एशिया–प्रशांत क्षेत्र में, भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) प्रणाली सबसे बड़ी घ्ररेलू संचार उपग्रह
प्रणालियों में से एक है | इन्सैट 1 बी के प्रवर्तन के साथ 1983 में स्थापित इस प्रणाली ने
भारत के संचार के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति की शुरुआत की है |
फिलहाल, इन्सैट/जीसैट बेड़े में शामिल नौ (9) वाणिज्यिक अंतर्कक्षीय प्रचालनीय उपग्रह यथा-
इन्सैट-4ए, जीसैट-8, जीसैट-10, जीसैट-12, जीसैट-14, जीसैट-15, जीसैट-16, जीसैट-17 एवं
जीसैट-18, सी, विस्तारित सी, केयू बैण्ड, यूएचएफ एवं एस बैण्ड आवृत्तियों में लगभग 300
प्रेषानुकरों की संचयी क्षमता प्रदान करते हैं | इनमें से अधिकांश प्रेषानुकरों को टी वी, डीटीएच,
डीएसएनजी, वीसैट सेवाओं के लिए उपलब्ध हैं और कुछ प्रेषानुकर सामाजिक और सामरिक
उपयोग के लिए उपलब्ध हैं |
सीधे घर में (डीटीएच)
डीटीएच संचालन के लिए भारत में सबसे बड़ा और प्रतिस्पर्धी बाज़ार उपलब्ध है |
एन्ट्रिक्स ने भारतीय बाज़ारों में सेवाएँ देने के लिए छ: डीटीएच संचालकों को
स्थापित किया है जिनके फिलहाल 70 मिलियन उपभोक्ता हैं |
अंकीय उपग्रह समाचार संग्रहण (डीएसएनजी) सेवाएँ
एन्ट्रिक्स ने, समाचार चैनलों को प्रसारण-स्थल से सीधा प्रसारण करने और देश के
लगभग 185 मिलियन घरों को टी वी से जोड़ने की सुविधा प्रदान की है | स्टूडियो
से बाहर की प्रसारण सेवाएँ सी एवं केयू बैण्ड से की जाती हैं |
वीसैट सेवाएँ
एन्ट्रिक्स ने, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ, दूरस्थ शिक्षा इत्यादि जैसे विभिन्न प्रकार के
सूक्ष्म संचालनों के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा वीसैट सेवाओं की सुविधा
प्रदान की है | एन्ट्रिक्स, विभिन्न प्रयोक्ताओं की दूरभाषी और बैकहौल आवश्यकताओं
को पूर्ण करने से जुड़ी सेवाएँ भी प्रदान करती है |
निजी टी वी युग्मन / वाणिज्यिक टेलीपोर्ट संचालन
देश भर में, कुछ निजी टी वी चैनल अपनी निजी टेलीपोर्ट और भू-स्टेशन का उपयोग
करके इन्सैट/जीसैट बेड़े के साथ अपनी प्रसारण-सामग्री को जोड़ते हैं| एन्ट्रिक्स ने
वाणिज्यिक टेलीपोर्ट संचालकों, जो अंतरिक्ष खण्ड क्षमता के साथ-साथ तंतुप्रकाशिकी
प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं, को इसप्रकार भारत में उनके स्टूडियो के कहीं भी
स्थित होने पर भी उनकी प्रसारण-सामग्री को प्रसारित करने के लिए पूर्ण समाधान
प्रदान की है|