Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.
Image CAPTCHA
इमेज में दिखाए गए अक्षर दर्ज करें।

प्रमोचन सेवाएँ

इसरो का वाणिज्यिक अंग, एन्ट्रिक्स, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह यान (पी.एस.एल.वी) द्वारा सन् 1999 से ग्राहक उपग्रहों के लिए प्रमोचन सेवाएँ प्रदान करती रही है| पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने मार्च 2019 तक 33 देशों के ग्राहकों के 297 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर एक प्रमुख प्रमोचन सेवा प्रदाता के रूप में कीर्तिमान बनाते हुए अपने लिए एक मुकाम हासिल किया है| सितम्बर 2016 में पी.एस.एल.वी सी-37 ने 104 उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक अंत:क्षेपित किया था - अब तक  एकल अभियान में प्रमोचित उपग्रहों की अधिकतम संख्या|

इसरो द्वारा जी.एस.एल.वी एवं जी.एस.एल.वी मार्क-III प्रचालित किए जाने के साथ, एन्ट्रिक्स ने, प्रमोचन अवसरों एवं ग्राहकों को दी जाने वाली विविधता में अपेक्षित विस्तार किया है| भारत के दक्षिण पूर्वी भाग श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी) से प्रमोचन निष्पादित होता है| एन्ट्रिक्स के पास एल.ई.ओ (निम्न एवं मध्य आनति), एस.एस.ओ, उप-जी.टीओ, जी.टी.ओ कक्षाओं में अभियान चलाने की क्षमता है|

इसरो, स्पष्टतया उभर रहे लघु उपग्रह प्रमोचन बाज़ार को ध्यान में रखते हुए लघु उपग्रह प्रमोचन यान (एस.एस.एल.वी) भी विकसित कर रहा है| दूरदराज़ के ग्राहकों को ध्यान में रखकर समय प्रमोचन हेतु और ग्राहक के लिए यथासंभव उत्तरदायी एवं अनुकूल न्यून संविदा प्रदान करने के लिए सरल और कारगर विनियोजन विरचना के साथ एस.एस.एल.वी का निर्माण पूरी तरह व्यावसायिक प्रारूप में किया जा रहा है|

एन्ट्रिक्स - साझा आरोहण एवं समर्पित अभियान दोनों के लिए - उड़ान-प्रमाणित नीतभार पृथक्करण प्रणाली एवं सभी संवर्ग के उपग्रहों के लिए घरेलू तौर पर विकसित अनुकूलक के साथ व्यापक प्रमोचन समाधान प्रदान करती है|

BUSINESS CONTACT DETAILS

भार्गव अडगुल्ला

प्रबंधक

080-2217 8357

bhargav[at]antrix[dot]co[dot]in

पी.एस.एल.वी प्रमोचन-पूर्व क्रियाकलाप

एकल मिशन में 104 उपग्रह

उपग्रह

297

देश

33

Image CAPTCHA
इमेज में दिखाए गए अक्षर दर्ज करें।

गणेश मोहन

प्रबंधक, प्रमोचन सेवाएँ एवं मिशन

  • 080 – 22178351
  • ganesh_mohan@antrix.co.in

Three launch solutions

पीएसएलवी

लियो एवं एसएसओ के लिए ‘वर्कहॉर्स’

हालाँकि आरंभ में, एसएसपीओ मिशन के लिए अभिकल्पित इसरो के ‘वर्कहॉर्स’ के रूप में ज्ञात पीएसएलवी निम्न झुकाव एलईओ, उप-जीटीओ एवं जीटीओ तक अपने मिशन में कामयाब एक बहुमुखी यान है|

Upcoming Launch solutions

जीएसएलवी

About the Launch Vehicle

Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark II (GSLV Mk II) is a launch vehicle developed by India and is currently in operation for launching 2t class communication satellites. This fourth generation launch vehicle is a three stage vehicle with four liquid strap-ons. The indigenously developed cryogenic Upper Stage (CUS), which is flight proven, forms the third stage of GSLV Mk II. From January 2014, the vehicle has achieved four consecutive successes.

Vehicle Specifications

Height : 49.13 m
Diameter : 3.4m
Number of Stages : 3
Lift Off Mass : 414.75t
First Flight : April 18, 2001

पीएसएलवी

About the Launch Vehicle

Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) is the third generation launch vehicle of India. It is the first Indian launch vehicle to be equipped with liquid stages. After its first successful launch in October 1994, PSLV emerged as the reliable and versatile workhorse launch vehicle of India with 42 successful missions by Dec 2018. During 1994-2018 period, the vehicle launched 53 Indian satellites and 269 satellites for international customers.

Besides, the vehicle successfully launched two space crafts – Chandrayaan-1 in 2008 and Mars Orbiter Spacecraft in 2013 – that later travelled to Moon and Mars respectively

Vehicle Specifications

Height : 44 m
Diameter : 2.9 m
Number of Stages : 4
Lift Off Mass : 320t (XL)
Variants : 2 (PSLV - CA, PSLV - XL)
First Flight : September 20, 1993

जीएसएलवी मार्क-III

About the Launch Vehicle

GSLV Mk III is a three-stage heavy lift launch vehicle developed by ISRO. The vehicle has two solid strap-ons, a core liquid booster and a cryogenic upper stage.

GSLV Mk III is designed to carry 4t class of satellites into Geosynchronous Transfer Orbit (GTO) or about 10t to Low Earth Orbit (LEO), which is about twice the capability of GSLV Mk II.

The two strap-on motors of GSLV Mk III are located on either side of its core liquid booster. Designated as ‘S200’, each carries 205 tons of composite solid propellant and their ignition results in vehicle lift-off . S200s function for 140 seconds. During strap-ons functioning phase, the two clustered Vikas liquid Engines of L110 liquid core booster will ignite 114 sec after lift -off to further augment the thrust of the vehicle. These two engines continue to function after the separation of the strap-ons at about 140 seconds after lift -off.

The first experimental flight of LVM3, the LVM3-X/CARE mission lifted off from Sriharikota on December 18, 2014 and successfully tested the atmospheric phase of flight. Crew module Atmospheric Reentry Experiment was also carried out in this flight. The module re-entered, deployed its parachutes as planned and splashed down in the Bay of Bengal.

The first developmental flight of GSLV Mk III, the GSLV-Mk III-D1 successfully placed GSAT-19 satellite to a Geosynchronous Transfer Orbit (GTO) on June 05, 2017 from SDSC SHAR, Sriharikota.

Vehicle Specifications

Height : 43.43 m
Diameter : 4 m
Number of Stages : 3
Lift Off Mass : 640t

एसएसएलवी

Vehicle Specifications

Height :

प्रमोचन उपलब्धियाँ

  • PSLV-C40/Cartosat-2 Series Satellite Mission

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its forty second flight...

    January 12, 2018

    और पढें

  • PSLV-C43 / HysIS Mission

    PSLV-C43 lifted off at 0957 hrs (IST) on November 29, 2018 from...

    November 29, 2018

    और पढें

  • PSLV-C42 Mission

    PSLV-C42 Successfully Launches two foreign satellites from Satish...

    September 16, 2018

    और पढें

  • PSLV-C38 / Cartosat-2 Series Satellite Mission Launch

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its 40th flight (PSLV-...

    June 23, 2017

    और पढें

  • PSLV-C37 / Cartosat -2 Series Satellite Launch

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its thirty-ninth flight...

    February 15, 2017

    और पढें

  • PSLV-C34 / CARTOSAT-2 Series Satellite

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its thirty sixth flight...

    June 22, 2016

    और पढें

  • PSLV-C35 / SCATSAT-1

    India’s Polar Satellite Launch Vehicle, in its thirty-seventh...

    September 26, 2016

    और पढें

  • PSLV-C29

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its thirty-second...

    December 16, 2015

    और पढें

  • PSLV-C28

    The Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV), in its thirtieth flight...

    July 10, 2015

    और पढें

  • PSLV-C30

    India’s Polar Satellite Launch Vehicle, in its thirty first flight...

    September 28, 2015

    और पढें

  • PSLV-C23

    PSLV-C23 launched SPOT-7 a French earth observation satellite,...

    June 30, 2014

    और पढें

  • PSLV-C20

    India's Polar Satellite Launch Vehicle in its twenty third flight...

    February 25, 2013

    और पढें

  • PSLV-C21

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, in its twenty-second...

    September 9, 2012

    और पढें

  • PSLV-C18

    Polar Satellite Launch Vehicle, in its twentieth flight (PSLV-C18...

    January 12, 2011

    और पढें

  • PSLV-C16/RESOURCESAT-2

    PSLV-C16, is the eighteenth flight of ISRO's Polar Satellite...

    April 12, 2018

    और पढें

  • PSLV-C15/CARTOSAT-2B

    PSLV-C15 is the seventeenth flight of ISRO's versatile Polar...

    July 12, 2010

    और पढें

  • PSLV-C14

    India's Polar Satellite Launch Vehicle, PSLV-C14, in its 16th...

    September 23, 2009

    और पढें

  • PSLV-C9 / CARTOSAT – 2A

    PSLV-C9 is the thirteenth flight of ISRO's Polar Satellite Launch...

    April 28, 2008

    और पढें

  • PSLV-C10

    PSLV-C10, the twelfth launch and second commercial launch of India...

    January 21, 2008

    और पढें

  • PSLV-C8

    PSLV-C8 is the eleventh flight of ISRO's Polar Satellite Launch...

    April 23, 2007

    और पढें

  • PSLV-C7 / CARTOSAT-2 / SRE-1

    In its tenth flight conducted from Satish Dhawan Space Centre (...

    January 10, 2007

    और पढें

  • PSLV-C3

    PSLV-C3 is the sixth flight of ISRO's Polar Satellite Launch...

    January 22, 2001

    और पढें

  • PSLV-C44

    India's Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV-C44) successfully...

    January 24, 2019

    और पढें

  • PSLV-C2

    PSLV-C2, the second operational launch of India's Polar Satellite...

    May 26, 1999

    और पढें

अंतरिक्ष-पत्तन

चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर देश के पूर्वी तट पर स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, जिसे सामान्यत: ‘शार’ के नाम से जाना जाता है, भारत का अंतरिक्ष-पत्तन है | वृहद भारतीय तट रेखा से घिरे उत्तरी अक्षांश पर विषुवत्-रेखा से ठीक ऊपर ‘शार’ स्थित है, जो इसे विश्व के अत्यंत आदर्श प्रमोचन-स्थल के रूप में चिह्नित करता है | इस केंद्र में 2 प्रमोचन परिसर हैं-प्रथम प्रमोचन मंच (एफएलपी) एवं द्वितीय प्रमोचन मंच (एसएलपी) | दोनों में, अत्याधुनिक संयोजन और स्वच्छता कक्ष सुविधाएँ मौज़ूद हैं | आर एच-125 परिज्ञापी रॉकेट के प्रमोचन से सन् 1971 में शार की मामूली शुरुआत हुई थी और तबसे केंद्र ने एक लम्बा सफ़र तय किया है | वर्तमान में यहाँ ठोस मोटर उत्पादन एवं परीक्षण सुविधाएँ, जो विश्व में सबसे बड़ी सुविधाओं में एक है, नोदक-भराई तथा मरम्मत-कार्य सुविधाएँ और ग्राहकों को भरोसेमंद प्रमोचन सेवाएँ देने के लिए अत्याधुनिक परास प्रचालन हैं | इस द्वीप में, कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ प्रमोचन-कार्य के सिलसिले में आने वाले ग्राहकों के लिए पूरी तरह से कार्यरत अतिथिशाला भी है |

प्रमोचन परिसर

शार में, लियो, जियो, उप- जीटीओ या.जीटीओ - किसी भी प्रकार के मिशन के लिए यान-संयोजन, परीक्षण एवं प्रमोचन- कार्य हेतु पूर्ण सहयोग देने के लिए 2 सक्षम प्रमोचन-परिसर हैं | इस केंद्र में परिज्ञापी रॉकेट को प्रमोचन सहायता देने के लिए सुविधाएँ भी हैं |

प्रमोचन सुविधाएँ

एसडीएससी शार, प्रमोचन की विश्व-स्तरीय आधारभूत संरचना प्रदान करता है और वर्षों से कई प्रमोचन यान की तैयारी तथा प्रमोचन को साथ-साथ अंज़ाम देने के लिए सुव्यवस्थित सुविधाएँ हैं | इस परिसर में, यान-संयोजन के लिए आद्योपांत सहायता सुविधाएँ मौज़ूद हैं |

और पढें

शार को जानिए

भारत के दक्षिण-पूर्वी भाग के आँध्रप्रदेश राज्य में बंगाल की खाड़ी के तट से दूर एक तकलीनुमा घेरेदार द्वीप श्रीहरिकोटा स्थित है | यह द्वीप पुलिकाट झील, जो भारत का सबसे बड़ा समुद्रताल है, को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है |

और पढें

प्रथम प्रमोचन मंच

मंच पर समाकलन की अवधारणा का अनुसरण करते हुए एफ एल पी का निर्माण सन् 1990 के प्रारंभ में ही हो गया था, जिसमें, रॉकेट के संयोजन के बाद, एक 3200 टन का मोबाइल सर्विस टॉवर (एमएसटी) अपने पड़ाव-स्थल की ओर पीछे मुड़ जाता है | भू-भंडारणीय एवं क्रायो नोदक, दोनों के भंडारण, परिवहन एवं उपयोजन के संचालन के लिए यह सुविधा पूरी तरह सुसज्जित है |

प्रमोचन स्थल : सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
प्रमोचन मंच : प्रथम प्रमोचन मंच (एफएलपी)

स्थान निर्धारण

: 13.7330 उत्तर, 80.2350 पूर्व
प्रचालक : इसरो
स्थिति : सक्रिय
प्रमोचन : 33

प्रथम प्रमोचन-20 सितम्बर,1993, पीएसएलवी/आइआरएस-पी-1

द्वीतीय प्रमोचन मंच

एसएलपी, जो 2005 में प्रचालनीय हुआ, उसे प्रमोचन की बढ़ती माँग से जूझ रहे इसरो के समाधान के लिए सुविधा उन्नयन के तौर पर कल्पित एवं कार्यान्वित किया गया था | झारखंड में, राँची स्थित भारत सरकार के उपक्रम, मेकॉन लिमिटेड द्वारा निर्मित एसएलपी समाकलन, अंतरण एवं प्रमोचन(आइटीएल) अवधारणा का अनुसरण करता है, जिसमें, यान संयोजन भवन(वीएबी) में मोबाइल प्रमोचन आधार पर संयोजित होने के बाद रेल पटरी पर उदग्र स्थिति में प्रमोचन मंच पर मोड़ दिया जाता है | यह सुविधा क्रायोजेनिक एवं भू-भंडारणीय नोदक के भंडारण, उपयोजन एवं परिवहन को भली-भाँति सहायता कर सकता है |

प्रमोचन स्थल : सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
प्रमोचन मंच : द्वीतीय प्रमोचन मंच
स्थान निर्धारण : 13.71990 उत्तर, 80.23040 पूर्व
प्रचालक : इसरो
स्थिति : सक्रिय
प्रमोचन : 21

प्रथम प्रमोचन-05 मई, 2005, पीएसएलवी/कार्टोसैट-1

स्थिति